17th September 2024

खेल

WPL: हरमनप्रीत और साइका के धमाल से मुंबई इंडियंस की

मुंबई इंडियंस ने इस जीत के दौरान दिखाया कि जितना दम उनकी बल्लेबाज़ी में है, उतना ही उनकी गेंदबाज़ी में भी गहराई है. उनका यह प्रदर्शन इस लीग में भाग लेने वाली बाकी टीमों के लिए भी चेतावनी है कि उनसे पार पाना किसी भी टीम के लिए आसान नहीं होगा.

गुजरात जायंट्स की इस बड़ी हार में उसका 208 रन के विशाल लक्ष्य से बने दवाब से कभी भी नहीं उभर पाना प्रमुख रहा.

इसके अलावा इस टीम की बल्लेबाज़ी की जान कप्तान बेथ मूनी और गार्डनर हैं. दोनों का मैच में कुछ नहीं कर पाना बाकी बैटर्स को लड़ने के लिए प्रेरित नहीं कर सका.

मूनी रन लेने के लिए दौड़ते समय घुटना चोटिल करा बैठीं और उन्हें लौटना पड़ा. वहीं गार्डनर खाता खोले बग़ैर पवेलियन लौट गई.

गुजरात जायंट्स के समर्पण की वजह से पहले 7.4 ओवर में ही मैच का फ़ैसला तय हो गया था, क्योंकि इस समय तक 23 रन पर सात विकेट निकल गए थे. वह तो हेमलता की नाबाद 29 रन की पारी के स्कोर को 64 रन तक खींचने में सफल हो गई.

साइका ईशाक

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साइका की फिरकी है दमदार

इस जीत के लिए जितना कप्तान हरमनप्रीत की बल्लेबाज़ी को याद किया जाएगा, उतना ही लेफ्ट आर्म स्पिनर साइका ईशाक को भी याद किया जाएगा. इस गेंदबाज़ ने अपने पहले ही मैच में जो प्रभाव छोड़ा है, उसका असर आने वाले मैचों में भी देखने को मिलेगा.

साइका ने 3.1 ओवर की गेंदबाज़ी में 11 रन देकर चार विकेट निकाले और एक ओवर मेडन भी फेंका.

सही मायनों में मुंबई इंडियंस के गेंदबाज़ी अटैक में बहुत गहराई है. नेट सीवर के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए प्रदर्शन से सभी वाकिफ हैं और उन्होंने आज भी अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करके दो ओवरों में पांच रन देकर दो विकेट निकाले.

इसके अलावा इसी वोंग ने भी अपनी गति से प्रभावित किया है. वहीं कलिता भी अनुभव पाने के साथ गेंदबाज़ी में पैनापन ला सकती है.

हरमनप्रीत कौर

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हरमनप्रीत की आक्रामकता के क्या कहने

मुंबई इंडियंस की कप्तान हरमनप्रीत कौर को जिस आक्रामक अंदाज़ के लिए जाना जाता है, उनका वह अंदाज़ वीमेन प्रीमियर लीग के पहले ही मैच में दर्शकों को देखने को मिल गया.

ऐसा लग रहा था कि वो पिछले दिनों दक्षिण अफ़्रीका में महिला विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेली अर्धशतकीय पारी को ही आगे बढ़ा रहीं हैं.

वहीं हरमनप्रीत कौर जिस अंदाज़ में चौकों पर चौके लगा रहीं थीं, उससे गुजरात जायंट्स के गेंदबाज़ों पर दवाब साफ देखा जा सकता था.

हरमनप्रीत के बारे में माना जाता है कि वह लेग स्पिनर गेंदबाज़ी को खेलना पसंद करती हैं और इन गेंदबाज़ों पर वो खुलकर स्वीप शॉट खेलना पसंद करती हैं. इसलिए वेयरहम के गेंदबाज़ी का सामना करते हुए उन्होंने स्वीप से दो चौके लगाकर अपने हाथ खोले.

इस ओवर में उनकी जोड़ीदार अमेलिया केर ने एक चौका लगाकर आगे बराबरी से साथ देने का संकेत दिया.

हरमनप्रीत ने जिस तरह से चौके लगाकर अपना खेल पर दबदबा बनाया, वह इस वीमेन प्रीमियर लीग की बाकी टीमों को यह जताने में सफल हो गई हैं कि उनकी टीम से सभी को सतर्क रहना होगा, क्योंकि उनके खेलने का अंदाज़ किसी पर भी कहर ढा सकता है.

हरमनप्रीत और अमेलिया की जोड़ी ने स्पिनर हों या मध्यम तेज़ गेंदबाज़ किसी को भी नहीं बख़्शा और सभी की एक ही अंदाज़ में धुनाई की.

हरमनप्रीत कौर ने शुरू से आख़िर तक आक्रामक रुख़ अपनाकर मात्र 22 गेंदों में इस लीग का पहला अर्धशतक बनाने वाली बैटर बन गई. इस समय तक उनका स्ट्राइक रेट 231.81 का था. इससे उनकी पारी की आक्रामकता को समझा जा सकता है. इसमें उन्होंने 11 चौके लगाए थे.

स्नेह राणा की गेंद पर हेमलता के हाथों कैच होने से पहले हरमनप्रीत कौर ने 65 रन बनाकर टीम को मज़बूती दिला दी थी. उन्होंने 30 गेंदों में 14 चौके लगाए और उनका स्ट्राइक रेट 216.66 रहा.

कप्तानी के दायित्व वाली इस पारी का ही कमाल था कि मुंबई इंडियंस अपने पहले ही मैच में 200 रनों के आंकड़े को पार करने में सफल हो गई.

अमेलिया केर

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अमेलिया का ऑलराउंड प्रदर्शन

बाएं हाथ की मध्यम तेज़ गेंदबाज़ मोनिका पटेल के आक्रमण पर आने पर अमेलिया ने चौका लगाकर स्वागत किया तो हरमनप्रीत कौर ने आख़िरी चार गेंदों पर चौका लगाकर इस ओवर में 21 रन बनाकर यह जता दिया कि उनके इरादे क्या हैं.

अमेलिया केर ने अपने प्रदर्शन से दिखाया कि इस लीग में उनके भी चर्चे होने वाले हैं. वह ज़रूरत पड़ने पर खुलकर खेलना जानती हैं.

हरमनप्रीत कौर के साथ खेलते समय वह उनकी सहयोगी की भूमिका रहीं. पर उनके आउट होते ही उन्होंने मोर्चा संभाल लिया और रनों की रफ्तार कभी थमने नहीं दी.

वह भले ही इस लीग के पहले मैच में अपने नाम अर्धशतक दर्ज नहीं करा सकीं लेकिन वो 45 रन बनाकर नाबाद रहीं. उन्होंने छह चौके और एक छक्का लगाया और उनका स्ट्राइक रेट 187.50 का रहा.

अमेलिया ने बल्लेबाज़ी में जौहर दिखाने के बाद गेंदबाज़ी में भी अपना दबदबा दिखाया. वह जिस तरह से गेंदबाज़ी कर रहीं थीं, उसे देखकर लग रहा था कि बैटर्स को उनका सामना करने में दिक्कत हो रही है. उन्होंने दो ओवरों में 12 रन देकर दो विकेट निकाले.

गुजरात जायंट्स

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सिक्सर क्वीन मैथ्यूज़

हेली मैथ्यूज़ ने पारी की शुरुआत में ही यस्तिका भाटिया के रूप में झटका लग जाने के बाद भी पारी में रनों की रफ्तार को कम नहीं होने दिया.

उन्होंने नेट सीवर ब्रंट के साथ साझेदारी में हावी रहकर यह दिखाया कि आने वाले दिनों में उनके और जौहर दिखने वाले हैं.

असल में दसवें ओवर तक खेल पर हेली मैथ्यूज़ अपने आक्रामक अंदाज़ से छाई हुई थीं और उनके 77 रनों के स्कोर पर तीसरे बल्लेबाज़ के तौर पर आउट होने पर यह सोचा जा रहा था कि क्या उनकी बनाई रफ्तार बरकरार रह पाएगी.

हेली ने मात्र 31 गेंदों में 47 रन की पारी खेली. उनकी पारी की सबसे बड़ी खूबी चार छक्कों के साथ तीन चौके लगाना था.

सही मायनों में उनके तेज़ रफ्तार से बनाए रनों का ही कमाल था कि हरमनप्रीत कौर और अमेलिया केर बिना किसी दवाब के खुलकर खेल सकीं.

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